शांति की खोज

इस जगत में वह चीज जिसकी चाह सबको है, 'शांति' है । व्यवहार में ऐसा देखा जाता है कि तुष्टि में शांति का निवास है, अर्थात तुष्टि होने पर ही शांति का अनुभव या साक्षात्कार होता है । अतः तुष्टि के सम्बन्ध में विचार प्रथमतः आवश्यक है । वास्तव में तुष्टि नानाविध है ,जितने प्राणी है सबकी तुष्टि भिन्न भिन्न है और उसकी प्राप्ति के माध्यम भी भिन्न भिन्न है अस्तु उसका स्वरुत निर्धारण करना कठिन ही नही अपितु असम्भव है । गीता में भगवान् कहते है कि अष्टधा प्रिकृति से सम्पूर्ण जीव-जगत की सृष्टि हुई है- "भूमिरापो अनलो वायुः खं मनो बुद्धिरेव च ...