मोदी अवतार

मोद्याष्टक
नमामीश मोदीं अवतार रूपं     , लोकप्रियं नायकम् देवरूपं  ।
भवं सद्गुणम् निर्विकारं निरीहं,जनानां हृदकाश्वासम् नमोहम् ।। 1
साक्षात साकार रूपं त्वदीयं,गिरा ग्यान गोगम्य देशं नरेशम्
करालं महाकाल कालं कृपालं,गुणागार कल्याणकारं नतोहम् ।। 2
धृतिर्मान् द्युतिमान् गौरं गम्भीरं, महौजसं योगमयम् शरीरम् ।
भगवोत्तरीयम लसति चारु अंगा, लसद्धानने नेत्र चश्मानिरंगा ।। 3
चलति निर्भयम् च वदति निर्भयमवा, प्रसन्नाननं दीनबंधुम् दयालम् ।
कृतम् भारतं स्वच्छ संकल्पितं यः, प्रियम् भारतं लोकनाथं भजामि ।।4
प्रचंडं प्रकृष्ठम् प्रगल्भ  मनीषम, अखण्डम् भवं भानुकोटिप्रकाशम् ।
त्रयः चौर निर्मूलनं कृत्प्रयत्नम्,भजेहम् महाभाग अति भावगम्यम् ।।5
राजनीति कल्याण युगांतकारी   ,सदासज्जनानंद दाता पुजारी ।
चिदानंद संदोह निद्रापहारी,    परसीदंनमो देश सम्मानकारी ।।6
न यावत् जनानाथ पदरविंदम्, भजन्तीह देशे परे वा नराणां ।
न तावत सुखं शान्ति प्राप्तम् विकासं, परसीदननमो हिंददेशाधिवासम ।।7
न जानामि योगम् जपं नैवनीतिं, नतोहम् सदा सर्वदा तुभ्यमेवम् ।
रोगान् दुःख्ौघ तातप्यमानं,   महाभाग आपन्नमामीश तुभ्यम् ।।8
मौद्याष्टक इदम् प्रोक्तम्,जनाःसर्वां तोषये
भक्तिपूर्वक् पठनेन, भारत माता प्रसीदति ।
रचयिता-
डा0 दयानन्द शुक्ल
पूर्व प्राचार्य,  लखीमपुर

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